Friday 21 October 2011

जब भी दीपावली का त्यौहार करीब आता है तो पता नहीं क्यों एक तरह का Depression  मुझे घेर लेता है .शायद इसलिए कि मूल रूप में यह व्यापारिओं का त्यौहार हो गया है .भगवान राम ने क्या इस देश में व्यापारिओं के लिए  जनम लिया था .नहीं तो ?फिर यह क्या हुआ ?यह सब हमारी एस्टाब्लिश्मेंट का खेल है .दीपावली Corruption को एक तरह का धार्मिक आवरण पहनाती है और वक़्त की ज़रुरत है कि अन्ना हजारे इस तरफ भी ध्यान दें और लोगों को आगाह करें कि वे दीपावली पर किसी तरह का गलत लेन देन न करें . 

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